बैतूल जिले में लगातार हो रही बारिश ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस स्थिति ने खेती के महत्व को और अधिक उजागर किया है, क्योंकि कृषि पर निर्भर इन किसानों के लिए यह एक गंभीर संकट बन गया है। आज बैतूल के शाहपुर कृषि उपज मंडी में अचानक हुई तेज बारिश से किसानों की मक्का की लगभग 400 क्विंटल फसल पानी में बह गई। यह घटना इस बात का सबूत है कि प्राकृतिक आपदाएं किस प्रकार किसानों की मेहनत को पल भर में बर्बाद कर सकती हैं।
शाहपुर मंडी के शैडो में व्यापारियों का माल भरा पड़ा है, जो इस समस्या को और भी गंभीर बनाता है। इस कारण से किसानों को अपनी उपज खुले में रखनी पड़ती है, जिससे उनकी फसल जोखिम में आ जाती है। बैतूल (Betul News) के शाहपुर मंडी में मंगलवार को अपनी उपज लेकर पहुंचे किसानों के मक्का की नीलामी नहीं होने से उनकी मक्का मंडी में ही खुले में रखी हुई थी, और आज अचानक तेज बारिश होने से मंडी में खुले में रखी किसानों की लगभग 400 क्विंटल मक्का पानी में बह गई है। यह स्थिति किसानों के लिए अत्यंत निराशाजनक है, क्योंकि उनकी मेहनत का फल अब बर्बाद हो गया है।
किसान कई बार मंडी प्रबंधन से इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। मंडी के शैडो में रखे व्यापारियों के माल को हटाने में मंडी प्रबंधन नाकाम साबित हुआ है, और इसका खामियाजा आज लगभग आधा दर्जन से अधिक किसानों को चुकाना पड़ा है। ऐसे में, यह स्पष्ट है कि प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। किसानों की मेहनत से उपजाई गई फसल पानी में बर्बाद हो गई है, और यह केवल किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
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