hartalika puja: हिंदू धर्म में श्रावणी तीज और कजली तीज के बाद आने वाला तीज का एक खास पर्व, वास्तव में, ऐसा है जिसका इंतजार खास तौर से सुहागिन महिलाओं को सालभर रहता है। इस पर्व को हिंदू धर्म में हरतालिका तीज के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा, शास्त्रों में इस हरतालिका तीज की महिमा को अपरंपार माना गया है। विशेष रूप से, सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है। मान्यता अनुसार, इस दिन स्वागन महिलाएं ना केवल सौभाग्य की प्राप्ति के लिए, बल्कि अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए इस व्रत को निराहार और निर्जल रहकर करती हैं। इसी प्रकार, यह पर्व इस साल 6 सितंबर यानी आज के दिन मनाया जा रहा है।
शास्त्रों के अनुसार, हरतालिका तीज को सभी तीज में सबसे बड़ी Hartalika Puja माना गया है। इसके अलावा, तालिका तीज, हरतालिका तीज, हरियाली तीज तथा कजरी तीज की तरह ही महत्वपूर्ण है। यह 6 सितंबर को मनाया जाएगा। वास्तव में, 6 सितंबर को हरतालिका तीज है, जिस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए पूजा पाठ करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन, महिलाएं 16 श्रृंगार करके तैयार होती हैं और अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। इसके अतिरिक्त, इस दिन शिवजी और मां पार्वती के विशेष पूजन का महत्व है।
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“इस दिन कहा जाता है कि पार्वती जी ने शिवजी को पाने के लिए इस पूजा को किया था। इसी प्रकार, इसलिए, सभी महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु तथा सौभाग्य के लिए इस व्रत को रखती हैं।”
तिथि के हिसाब से 6 सितंबर को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। इसके अलावा, हरतालिका तीज पर महिलाएं निर्जल रहकर 24 घंटे का व्रत करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके साथ ही, जो अविवाहित स्त्रियां हैं, वे अच्छे सुवा की कामना के लिए मां पार्वती और भगवान शिव की आराधना करती हैं। इसके अलावा, हरतालिका तीज भी राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मनाया जाता है। अंततः, हरतालिका तीज महिलाओं के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण त्यौहार माना गया है।