बैतूल: “एक अस्पताल में, 8 महीने में, और 114 नाबालिक मां, जी हां, बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप। आज, हम एक ऐसी सामाजिक समस्या की बात करने जा रहे हैं, जो भयावह है। मुद्दा है नाबालिक मां का, क्योंकि केस एक दो नहीं, बल्कि सैकड़ों में हैं, या शायद हजारों में। इसके अलावा, ये अनजाने में हो रही इन गलतियों के लिए बेटियां जिम्मेदार नहीं हैं; कहीं ना कहीं, हम जिम्मेदार हैं। वास्तव में, हमारा समाज और सिस्टम जिम्मेदार है। इसलिए, जरूरत बदलते वक्त के हिसाब से सीख और परवरिश देने की है। यदि एक जिला अस्पताल में सिर्फ आठ महीने में 114 नाबालिक, बिन ब्याही मां अबॉर्शन ट्रीटमेंट या प्रसव के लिए आ जाएं, तो फिर यकीनन, यह गंभीर चिंता की बात है।”
यह भी पढ़े……Betul Today News:शाहपुर पुलिस ने लापता युवक का पानी मे डूबा शव किया बरामद
इसके परिणामस्वरूप, बैतूल का जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है अस्पताल में आने वाली गर्भवती युवतियों की उम्र और उनका मेरिटल स्टेटस। इसके चलते, अस्पताल में ऐसी गर्भवती लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो नाबालिक हैं और जिनकी शादी भी नहीं हुई।
इसके अलावा, जिले में ऐसे मामलों में अचानक बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। वास्तव में, साल 24 के 8 महीने में अब तक जिला अस्पताल में 114 नाबालिक और अविवाहित युवतियां भर्ती हुई हैं।”
जिले में एक सिविल अस्पताल नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 39 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव होता है इन सभी प्रसव केंद्रों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में आने वाली ऐसे गर्भवती लड़कियों की जानकारी जुटाई जाए तो यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा हो सकता है