नवरात्रि 2024, अर्थात् शारदी नवरात्रि, कब है? किस तारीख को हम घट की स्थापना करेंगे? कब कलश स्थापना होगा? नवरात्रि के नौ दिनों में, मां के नौ रूपों की पूजा अर्चना होती है। इसके अलावा, मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। तो, दोस्तों, इस बार भी नौ दिनों तक व्रत रखा जाएगा। वास्तव में, अष्टमी और नवमी पर शुभ संयोग बन रहा है। इसके अतिरिक्त, धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसके साथ ही, अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शारदी नवरात्रि शुरू होने वाली है। इसके अलावा, दिन भी बेहद खास होगा क्योंकि नवरात्रि का पर्व रविवार को शुरू हो रहा है, अर्थात् 3 अक्टूबर को। हालांकि, 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण भी लगेगा। अंत में, शारदी नवरात्रि का त्यौहार 12 अक्टूबर तक चलेगा।
आइए, आपको बताते हैं कि कौन से दिन किन माता की पूजा होगी। पहले, देखिए 3 अक्टूबर को रविवार को कलश स्थापना होगा, और मां शैलपुत्री की पूजा होगी। उसके बाद, 4 अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी, फिर 5 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। इसके बाद, 6 अक्टूबर को मां कुशमांडा की पूजा होगी। इसके अतिरिक्त, 7 अक्टूबर को मां स्कंद माता की पूजा होगी, और 8 अक्टूबर को मां कात्यायनी की पूजा होगी। उसके बाद, 9 अक्टूबर को मां काल रात्रि की पूजा होगी। इसके पश्चात, आठवां दिन अष्टमी का होगा, जिसमें मां गौरी की पूजा होगी। इसके बाद, मां सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाएगी। अंततः, अष्टमी और नवमी की डेट आप देख सकते हैं, जो कि 10 और 11 अक्टूबर है।
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पूजा विधि जान लीजिए। सबसे पहले, सुबह उठकर जल्दी स्नान करिएगा। फिर, पूजा के स्थान पर गंगा जल डालकर शुद्ध कर लीजिएगा। ध्यान रहे, ये कलश स्थापना वाली दिन की बात कर रहे हैं, इसलिए ध्यान से पूजा करनी होगी। इसके बाद, घर के मंदिर में दीप जला लीजिएगा। इसके अतिरिक्त, मां दुर्गा को गंगा जल से अभिषेक कराइएगा। फिर, मां को अक्षत, सिंदूर, और लाल पुष्प अर्पित करिए। इसके अलावा, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई जरूर चढ़ाइए। फिर, चालीसा का पाठ करिएगा। इसके साथ ही, दुर्गा सस्ती का पाठ आप जरूर करिएगा।
इसके बाद, मां को भोग भी लगाइए। ध्यान रहे, भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है। अब, पूजा की सामग्री नोट कर लीजिए। क्या-क्या सामग्री लगेगा, इसे ध्यान से देखिए। कलश स्थापना में पूजा सामग्री में लाल चुनरी, लाल वस्त्र, मौली, श्रृंगार का सामान, दीपक, घी या तेल, धूप, नारियल, साफ चावल, कुमकुम, फूल, देवी माता की प्रतिमा या फोटो, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, मिश्री, कपूर, फल, मिठाई, और कलावा शामिल हैं। इन चीजों का इस्तेमाल आप करिएगा। इसके अलावा, कलश स्थापना में आम के पल्लव का और साफ कलश का भी इस्तेमाल करिएगा।
इन बातों का ध्यान रहे कि नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करना oचाहिए। इसके लिए, लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन ना करिएगा।
इसके अतिरिक्त, अगर आपने घर में कलश स्थापना की है, तो अखंड ज्यmy o q1जला कर रखिएगा; बुझने मत दीजिएगा। इसके अलावा, घर को खाली भी नहीं छोड़ा जाता। जो लोग नवरात्रि के दिनों में व्रत रखते हैं, उन्हें नौ दिनों तक दाढ़ी, मूंछ, बाल, नाखून वगैरह नहीं काटना चाहिए।
धार्मिक मानताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर आती हैं। इसलिए, नौ दिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए रोजाना दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप सति का पाठ आप कर सकते हैं। इसके साथ ही, मां दुर्गा की पूजा काले रंग के वस्त्र पहनकर ना करिएगा; बल्कि आप लाल और पीले स्वच्छ कपड़े पहन सकते हैं। इसके अलावा, दिन में नहीं सोना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। बस इतना ही करना होगा।