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pachmarhi places to visit: सतपुड़ा की सुंदर पहाड़ियों में स्तिथ है पचमढ़ी

pachmarhi places to visit: सतपुड़ा की पहाड़ियों के मध्य में बसे Pachmarhi Hilstation को सतपुडा की रानी भी कहा जाता है। पचमढ़ी समुद्री तल से लगभग 1067 मीटर की उचाई पर स्थित है। यह अपने प्राकृतिक मनोरंम द्रश्य के लिए मशहूर है। यहां बसे घने जंगल, मदमाते जलप्रपात और पवित्र निर्मल तालाब हैं। यहां की गुफाएं पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि यहां गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं। यहां की प्राकृतिक संपदा को पचमढ़ी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में संजोया गया है।
यहा पर कुछ रमणीय स्थल है जब आप पचमढ़ी यात्रा पर जाए तो आपको यहा भी आपको जाना चाहिए।


जटा शंकर-

pachmarhi places to visit:  से यह .1.5 कि मि की दूरी पर है ।मंदिर में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है। यहा एक हनुमान जी की मूर्ति बड़े से पत्थर के ऊपर बनी हुई है।

धूपगढ़dhupgarh

एक पहाड़ है जहाँ पर सबसे पहले सुबह की धूप दिखाई पड़ती है ।यहा पर हर समय धुंध छायी रहती है जो बहुत ही खूबसूरत दिखाई देती है।


बी फॉल  :-

यह जमुना प्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह नगर से 3 किमी. की दूरी पर स्थित है। मित्रों व रिश्तेदारों के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह एक आदर्श जगह है। 

इसके अलावा यहां महादेव, Chouragarh का मंदिर, रीछागढ़, डोरोथी डीप रॉक शेल्टर, जलावतरण, सुंदर कुंड, इरन ताल, धूपगढ़, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। 

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 1981 में बनाया गया जिसका क्षेत्रफल 524 वर्ग किमी. है। यह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां दिन या रात में रुकने के लिए आपको उद्यान के निदेशक से अनुमति लेना पड़ती है।


हांडी खोह :-


यह खाई पचमढ़ी की सबसे गहरी खाई है जो 300 फीट गहरी है। यह घने जंगलों से ढंकी है और यहां कल-कल बहते पानी की आवाज सुनना बहुत ही सुकूनदायक लगता है। वनों के घनेपन के कारण जल दिखाई नहीं देता। 

पौराणिक संदर्भ कहते हैं कि भगवान शिव ने यहां एक बड़े राक्षस रूपी सर्प को चट्टान के नीचे दबाकर रखा था। स्थानीय लोग इसे अंधी खोह भी कहते हैं जो अपने नाम को सार्थक करती है। यहां बने रेलिंग प्लेटफार्म पर से आप घाटी का नजारा ले सकते हैं।


पांडव गुफा :-


महाभारत काल की मानी जाने वाली पांच गुफाएं यहां हैं जिनमें ‘द्रौपदी कोठरी’ और ‘भीम कोठरी’ प्रमुख हैं। पुरातत्वविद मानते हैं कि यह गुफाएं गुप्तकाल की हैं जिन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था। 

कैसे जाएं :-


सड़क मार्ग- नियमित बस सेवा से पचमढ़ी भोपाल, इंदौर, नागपुर, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा तथा पिपरिया से सीधा जुड़ा है। पिपरिया से टैक्सी सेवा उपलब्ध हैं। 

रेलमार्ग– मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग पर इटारसी होते हुए पिपरिया स्टेशन सबसे करीब है।

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