Pola Parv 2024: पोला क्यों मनाया जाता है,पोला से जुडी मान्यताये और महत्व

Pola Parv 2024: Why is Pola celebrated, beliefs and importance related to Pola.

Pola Parv 2024: Why is Pola celebrated, beliefs and importance related to Pola.

Pola Parv 2024: आज मैं आपको पोला त्यौहार से जुड़ी कुछ महत्त्वपूर्ण बातें बताने जा रहा हूं। यह त्यौहार भाद्रपद मास के अमावस्या तिथि के दिन विशेष रूप से छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है।पोला या बैल पोला 2 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह त्यौहार दरअसल कृषि पर आधारित है। वास्तव में, इस पर्व का मतलब खेती, किसानी, जैसे निंदा, रोपाई आदि का कार्य समाप्त हो जाना है। हालांकि, कई बार अनियमित वर्षा के कारण ऐसा नहीं हो पाता है। खास तौर पर छत्तीसगढ़ में, इस लोक पर्व पर घरों में ठेठर, खुरमी, चौसला, खीर, पूड़ी जैसे कई लजीज व्यंजन बनाए जाते हैं।”

Pola पर बैल दौड़ और बैल सौंदर्य प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम किये जाते है आयोजित।

एक ऐसी मान्यता यह भी है कि इस दिन अन्न माता गर्भ धारण करती है। इसका आशय है कि इसी दिन धान के पौधों में दूध भर जाता है। इसलिए, पोला का पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा, आप सभी जानते हैं कि बैल किसानों के जीवन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। इस प्रकार, किसान बैलों को देवतुल्य मानकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। पहले, कई गांव में इस अवसर पर बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाता था। हालांकि, समय के साथ-साथ यह परंपरा धीरे-धीरे समाप्त होने लगी है। फिर भी, पोला के अवसर पर बैल दौड़ और बैल सौंदर्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। इस प्रकार, इसमें अधिक से अधिक किसान अपनी बैलों के साथ भाग लेते हैं।

Pola 2024 कैसे मनाया जाता है?

खास सजी समरी बैलों की जोड़ी को इस दौरान पुरस्कृत भी किया जाता है। इसके अलावा, महिलाओं, बच्चों और पुरुषों के लिए यह त्यौहार अलग-अलग महत्व रखता है। जहां महिलाएं विशेष पकवान बनाती हैं, वहीं पुरुष वर्ग अपने बैलों को नहला धुला कर सजाकर सवार कर उनका श्रृंगार कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही, बच्चे बैलों के खिलौने से, जो कि लकड़ी या मिट्टी से बने होते हैं, दिन भर अपने साथियों के साथ इसे खेलते हैं। इस प्रकार, महाराष्ट्रीयन परिवार में पला पर्व के दिन घरों में खास तौर पर पूरण पोली और खीर बनाई जाती है। इसके बाद, बैलों को सजाकर उनका पूजन किया जाता है। फिर, उन्हें पूरा पोली और खीर भी खिलाई जाती है।

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शहर के प्रमुख स्थानों से उनकी रैली निकाली जाती है। इसके अलावा, जिन जिन घरों में बैल होते हैं, वे इस दिन अपने बैलों की जोड़ी को अच्छी तरह सजाकर सवार इस दौड़ में लाते हैं। इसके साथ-साथ, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ खंडवा तथा अन्य कई स्थानों पर मनाए जाने वाले इस लोक पर्व का नजारा देखने में बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। इसके परिणामस्वरूप, मोती मालाओं तथा रंगबिरंगी फूलों और प्लास्टिक के डिजाइन फूलों और अन्य आकृतियों से सजी खूबसूरत बैलों की जोड़ी हर इंसान का मन मोह लेती है। इसके अलावा, भाद्रपद के अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पोला पर्व कई समाज वासी बहुत ही उत्साह पूर्वक मनाते हैं।

Pola Parv 2024 पोला का यह त्यौहार हमें अपनी मिट्टी से, अपनी संस्कृति से जोड़कर रखता है

बैलों की जोड़ी का यह पोला उत्सव देखते ही बनता है। कुल मिलाकर, यह त्यौहार हमें अपनी मिट्टी से, अपनी संस्कृति से जोड़कर रखता है। इसलिए, आप सभी को पोला पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। इसके अलावा, आशा करता हूं कि आप सभी इस पर्व का भरपूर आनंद उठाएंगे।

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