मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के दो महत्वपूर्ण वन क्षेत्रों – बालाघाट जिले के सोनेवानी और बैतूल जिले के ताप्ती क्षेत्र को संरक्षित क्षेत्र (Protected Area) घोषित करने को अंतिम मंजूरी दे दी है। यह फैसला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में लिया गया।
इस निर्णय से इन दोनों क्षेत्रों में रहने वाले वन्यजीवों को सुरक्षित निवास स्थान मिलेगा। खासतौर पर सोनवानी क्षेत्र, जहां पहले से ही लगभग 39 बाघ स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं, अब और अधिक व्यवस्थित तरीके से संरक्षित किया जा सकेगा।
यह कदम न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि इससे पर्यावरणीय संतुलन भी मजबूत होगा। इसके अलावा, इन संरक्षित क्षेत्रों में इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे राज्य में पर्यटन की संभावनाएं और बढ़ेंगी।
इन संरक्षित क्षेत्रों के विकास और पर्यटन गतिविधियों से स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। सरकार की योजना है कि इको-गाइड, सुरक्षा स्टाफ, पर्यावरण शिक्षा केंद्र जैसी गतिविधियों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाई जाए।
बैठक में यह भी बताया गया कि बालाघाट के सोनवानी क्षेत्र को पहले से ही बाघों का स्थायी निवास क्षेत्र माना जाता है। अब इसे संरक्षित घोषित करने से इन बाघों की सुरक्षा और निगरानी और अधिक प्रभावी होगी।
“हमारा उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाना है। पर्यावरण संतुलन के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है।”